पब्लिक स्वर/ प्रदेश भाजपा में मचे घमासान और दुविधा के बीच राजनीतिक गलियारों से उड़ती हुई खबर मिल रही है कि पार्टी के एक महासचिव ने इस्तीफा दे दिया है और वे कांग्रेस में शामिल होने को तैयार हैं, सूत्रों कि माने तो भाजपा के जेडीएस के साथ गठबंधन का खुलकर विरोध करने वाले कर्नाटक के महासचिव कांग्रेस में शामिल होने की तैयारी में हैं साथ ही वे इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि पार्टी में बने रहने पर उनका राजनीतिक भविष्य अंधकारमय हो जाएगा।
बतादे कि एक तरफ विधायक बसना गौड़ा यथनाल और विजयेंद्र गुटों के बीच कशमकश और दूसरी तरफ श्रीरामुलु और जनार्दन रेड्डी के बीच वाद विवाद के दौरान एक प्रमुख नेता पार्टी छोड़ने की तैयारी में हैं, हालांकि शीर्ष नेतृत्व द्वारा इसे रोकने के लिए हस्तक्षेप न किए जाने से पार्टी के नेता अचंभित हैं। वे कौन नेता हैं जो पिछले चुनाव में टिकट न मिलने से नाराज लोगों को बार-बार सामने ला रहे हैं और जिन्हें बीवाई विजयेंद्र और येदियुरप्पा जैसे नेता नहीं माना जाता? उनकी मंशा क्या है? पार्टी गलियारों में इस बात को लेकर चर्चा है कि कहीं उनकी मंशा पार्टी को और कमजोर करने की तो नहीं है। साथ ही सूत्रों का कहना है कि पार्टी हाईकमान ने चुपके से आपसी सहयोग के पीछे के लोगों पर नजर रखनी शुरू कर दी है वही हाईकमान को सूचना मिली है कि ये लोग एक "तटस्थ" गुट बनाने, नेताओं को भ्रष्ट करने और उन्हें पार्टी की गतिविधियों से भटकाने में भी लगे हुए हैं। कुछ पार्टी पदाधिकारियों को छोड़कर बाकी पदाधिकारी नाममात्र के लिए आते-जाते रहते हैं। हालांकि, उनमें ज्यादा उत्साह नहीं दिख रहा है वे राज्य सरकार के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ने को तैयार नहीं हैं इस तरह यह बात उच्चाधिकारियों के संज्ञान में आ गई है कि मजबूत नेताओं के बावजूद पार्टी कमजोर होती जा रही है।