CG NEWS: SIT ने पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड केस में पेश की 1200 से ज्यादा पन्नों की चार्जशीट, देखें पूरी रिपोर्ट



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पब्लिक स्वर,बीजापुर/ बीजापुर जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र में हुए पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड केस में SIT ने बीजापुर कोर्ट में 1200 से ज्यादा पन्नों की चार्जशीट पेश करते हुए 72 लोगों को गवाह बनाया है ज्ञात हो कि हत्याकांड की जांच के लिए सरकार ने 11 सदस्यीय जांच टीम (SIT) का गठन किया था। करीब 2 महीने तक जांच करने के बाद SIT की टीम ने जांच रिपोर्ट बनाई जिसके बाद IPS मयंक गुर्जर ने 18 मार्च को चार्जशीट और केस डायरी कोर्ट में पेश की बतादे कि आरोपी सुरेश चंद्राकर, दिनेश चंद्राकर, रितेश चंद्राकर और महेंद्र रामटेके अभी जेल में हैं।


सूत्रों की माने तो मुकेश चंद्राकर को मारने की साजिश 29-30 दिसंबर 2024 को साजिश रची गई थी वही 1 जनवरी 2025 की शाम मुकेश चंद्राकर को आरोपी सुरेश चंद्राकर के बैडमिंटन कोर्ट परिसर में बुलाया गया इस दौरान आरोपियों ने पहले खाना खिलाया फिर जमकर पिटाई कर दी इधर जब मुकेश अधमरा हो गया तो उसका गला घोंटकर धारदार हथियार से सिर पर वार किया गया जिससे उसकी मौत हो गई। जिसके बाद आरोपियों ने लाश को सेप्टिक टैंक में डाल दिया ताकि किसी को पता न चल सके वही दूसरी ओर जानकारी है कि पत्रकार मुकेश ने अपने रायपुर के एक साथी के साथ सड़क के भ्रष्टाचार की खबर बनाई और सुरेश उसी सड़क का ठेकेदार था इधर खबर चलते ही वह नाराज हो गया। बतादे कि सड़क की लागत 120 करोड़ रुपए थी व सड़क की हालात खराब थी पर लीपापोती कर सुरेश को करोड़ों रुपए का मुनाफा हो रहा था इधर खबर लगने के बाद सरकार ने सड़क निर्माण में लापरवाही को लेकर जांच कमेटी गठित कर दी जिससे सुरेश को गड़बड़ी का खुलासा और भारी भरकम नुकसान का डर था इसके बाद सुरेश ने मुकेश को मारने की साजिश रची।


बताया जा रहा है कि मुकेश और रितेश की बातें होती थी साथ ही इन दोनों के बीच रिश्ते अच्छे थे इसलिए साजिश के तहत रितेश को मुकेश को घर बुलाने के लिए कहा गया था क्योंकि आरोपियों को पता था कि रितेश बुलाएगा तो मुकेश जरूर आएगा। वही मुकेश जब 31 तारीख को नहीं आया तो उसे बार-बार फोन कर 1 जनवरी की शाम सुरेश के बैडमिंटन कोर्ट परिसर में बुलाया गया इस दौरान मुकेश आने के लिए रेडी हो गया। इधर किसी को शक न हो इसलिए सुरेश और दिनेश दोनों भाई उस दिन जगदलपुर चले गए जिसके बाद मुकेश को खाना खाने बैठाया गया, इसी बीच मौका पाकर रितेश ने सुपरवाइजर महेंद्र रामटेके के साथ मिलकर मुकेश की पहले पिटाई की फिर सिर पर लोहे के किसी धार हथियार से वार कर दिया। जिससे मुकेश के माथे पर गहरा घाव हो गया इधर उक्त घटना को अंजाम देने के बाद दोनों आरोपियों ने शव को छिपाने के लिए सेप्टिक टैंक में डाल दिया इसके बाद दोनों रितेश और महेंद्र जगदलपुर के बोदली गांव में जाकर छिप गए थे वही इन्होंने अपने भाई सुरेश और दिनेश को हत्या की जानकारी दी।


जानकारी के मुताबिक मर्डर की खबर पक्की होने के बाद सुरेश और दिनेश भी जगदलपुर से बोदली पहुंचे जिसके अगले दिन सुरेश ने अपनी कार देकर रितेश को रायपुर भगा दिया जिसके बाद वह वहां से दिल्ली चला गया था जिसके बाद दिनेश और महेंद्र फिर से क्राइम लोकेशन पहुंचे। जहां उन्होंने सेप्टिक टैंक पर कंक्रीट की स्लैब डालकर उसे पैक कर दिया जिससे लाश से बदबू न आए और इसकी जानकारी किसी न हो इसी बीच सुरेश चंद्राकर हैदराबाद चला गया वही दूसरी ओर किसी को शक न हो इसलिए दिनेश जिले में ही था और अपने काम में लगा हुआ था।


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