अन्य post authorUser 1 03 February 2025

डॉलर के मुकाबले रुपया ऑल टाइम लो,जाने क्या है इसके पीछे की बड़ी वजह



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पब्लिक स्वर/ देश का आम बजट पेश होने के बाद बजट 2025 के बाद पहले कारोबारी दिन एक ओर शेयर बाजार तगड़ा गोता लगा गया, तो वहीं भारतीय करेंसी रुपया ने भी गिरने का नया रिकॉर्ड बना दिया है सूत्रों कि माने तो अब डॉलर के मुकाबले रुपया 87 के पार निकल गया है। इधर मार्केट की बात करें तो BSE Sensex कारोबार के दौरान 700 अंक से ज्यादा फिसला है और NSE Nifty 250 अंक के आस-पास टूट गया है वही अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये ने अब तक की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की है सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को करेंसी मार्केट ओपन होने के कुछ ही देर बाद Indian Currency Rupee पहली बार फिसलकर 87 के स्तर के पार आ गया। शुरुआती कारोबार में रुपया 67 पैसे टूटकर 87.29 प्रति डॉलर के अब तक के रिकॉर्ड लो-लेवल पर था वही इससे पहले रुपया बीते सप्ताह शुक्रवार को 86.61 के लेवल पर क्लोज हुआ था।


गौरतलब है कि इंडियन करेंसी का लगातार टूटना बड़ी चिंता का विषय है और इसमें डॉलर के मुकाबले लगातार गिरावट भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर नहीं है किसी भी देश की करेंसी में गिरावट न केवल सरकार पर, बल्कि आम जनता पर भी विपरीत असर डालती है, जैसा कि बताया कि किसी भी देश की करेंसी के कमजोर होने के कई साइड इफेक्ट होते हैं। भारतीय करेंसी रुपये में गिरावट को ही देखें तो रुपया गिरता है तब आयात महंगा हो जाता है, मतलब साफ है कि सरकार को विदेशों से सामान खरीदने के लिए ज्यादा रुपये खर्च करने पड़ते हैं इससे देश में महंगाई बढ़ने का जोखिम भी बढ़ जाता है।


बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के 30 शेयरों वाले सेंसेक्स ने बजट वाले दिन के अपने बंद 77,505.96 की तुलना में गिरकर 77,063.94 के लेवल पर ओपन हुआ और महज कुछ ही मिनटों के कारोबार के दौरान ये इंडेक्स 700 अंक से ज्यादा फिसलकर 76,774.05 के स्तर पर आ गया सेंसेक्स की तरह निफ्टी ने भी खुलने के साथ ही बड़ी गिरावट देखी। NSE Nifty अपने पिछले बंद 23,482.15 की तुलना में टूटकर 23,319 के लेवल पर खुला था और देखते ही देखते ये भी 220 अंक से ज्यादा की गिरावट लेकर 23,239.15 पर आ गया।


शेयर बाजार में आई गिरावट के पीछे की वजह देखें तो कहीं न कही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शपथ लेने के बाद से ही टैरिफ की पॉलिसी ने चिंता बढ़ाई है कनाडा, मेक्सिको और चीन पर टैरिफ लगाए जाने के बाद अब ट्रंप ने यूरोपियन यूनियन (EU) पर टैरिफ लगाने की बात कही है, इस बीच कनाडा ने अमेरिकी टैरिफ पर जवाबी कार्रवाई करते हुए 155 अरब डॉलर के अमेरिकी आयात पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का फैसला किया है Tariff War का असर ग्लोबल मार्केट्स के साथ ही भारतीय शेयर बाजार में गिरावट के रूप में देखने को मिला है।


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