दरअसल कांग्रेस पिछले 75 सालों में अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। हर दिन पार्टी छोड़ने वाले नेताओं की लिस्ट बढ़ रही है।देश की सबसे बड़ी पार्टी आज पूरी तरह बिखरी हुई नजर आ रही है।वहीं विपक्षी पार्टियां भी कांग्रेस को आढ़े हाथों लेने में कुरेज़ नही कर रहे।
कांग्रेस में छिड़ी रार,अपने नेता ही पार्टी को खत्म करने ले रहे सुपारी
कांग्रेस की वर्तमान स्थिति को लेकर सियासी गलियारे में तो चर्चा बेहद गर्म है। भाजपा के नेता तो यहां तक कह रहे कि राहुल का भाजपा में स्वागत है। वे जब चाहें कांग्रेस छोड़ सकते हैं।
ज्यादातर नेताओं का कहना है कि कांग्रेस दिशा हीन हो गई है किसका विरोध करना है किसका नही इसे लेकर भी कांग्रेस गलत फैसले कर रही है जिसके चलते कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का मनोबल दिन ब दिन गिरता जा रहा है।
कांग्रेसी नेताओं का कहना:छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल ने किया बंटा धार?
वहीं नाम ना बताने की शर्त पर कुछ कांग्रेसी नेताओं ने बताया कि लोकसभा में बीजेपी के वार से अपने आप को महादेव सट्टा ऐप,शराब घोटाले सहित अन्य गंभीर आरोप में जेल जाने से बचाने कुछ कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी को खत्म करने सुपारी ले ली है।चर्चा के मुताबिक पूर्व CM के कहने पर टिकट बंटवारा हुआ जिसके तहत महासमुंद में पसंदीदा कैंडिडेट धनेंद्र साहू को दरकिनार कर दुर्ग में अच्छी पैठ रखने वाले पूर्व मंत्री ताम्रध्वज साहू को टिकट दी गई जबकि दुर्ग में उनकी स्थिति बेहतर बताई जा रही थी।महासमुंद सीट के साथ साथ और भी सीटें हैं जहां समीकरण के विपरीत टिकट बंटवारा हुआ है।
रैली और सभाओं में नेता भूपेश बघेल को नहीं दे रहे तूल
एक तो पहले ही कांग्रेस के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सुरेंद्र दाऊ सहित कुछ नेता ने बिगुल फूंकते हुए कहा कि राजनांदगांव में भूपेश बघेल बीजेपी के साथ नही अपनी पार्टी के साथ ही लड़ रहे है,यहां तक कि उनके टिकट काटने की मांग भी की थी जिसके बाद अब खबर है कि सभाओं में वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल से दो चार होना भी पसंद नही कर रहे।
वैसे ही सोची समझी साजिश के तहत बस्तर से कांग्रेस के कद्दावर नेता और पीसीसी चीफ दीपक बैज को भी कांग्रेसी नेताओं ने बीजेपी से सांठ गांठ कर अंदर खाने चोट पहुंचाई।