CG NEWS: वनमंडल की टीम ने दो आरा मिल को किया सील



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पब्लिक स्वर,बिलासपुर। बिलासपुर जिले में वनमंडल की टीम ने सोमवार को दो आरा मिल को सील किया है। बताया जा रहा है कि यह मिलें काष्ठ चिरान नियमों का उल्लंघन कर धड़ल्ले से संचालित हो रही थीं। वही इसकी शिकायत लगातार विभाग के अफसरों को मिल रही थी जिसके चलते एक साथ दोनों मिल में छापामार कार्रवाई किया गया। इसके साथ ही टीम ने एक जगह से रम्दा मशीन भी बरामद की है।


सूत्रों कि माने तो पहली टीम बिलासपुर रेंजर के नेतृत्व में देवरीखुर्द स्थित अग्रहर मिल में पहुंची। जहा उक्त समय पर मिल के संचालक डोमार प्रसाद अग्रहरि मिल में ही मौजूद थे। इस दौरान टीम ने पहले उसे सर्च वारंट दिखाया इसके बाद पड़ताल शुरू की गई। जांच के दौरान टीम को मिश्रित प्रजाति के लट्ठे, जिनमें फलदार जामुन, कसही, नीम व अन्य बबूल की लकड़ियां पाई गईं। आरा मिल में फलदार वृक्षों की कटाई या चिरान प्रतिबंधित है। जब मिल संचालक से इस संबंध में वैध दस्तावेज मांगे गए तो वह मौके पर दस्तावेज नहीं दिखा पाया इसके साथ ही आवक-जावक रजिस्ट्रर, स्टाक पंजी भी आरा मिल में नहीं थी।


इन सब के अलावा एक बड़ा उल्लंघन मिल में देखने को मिला। जहा तीन एचपी का मोटर लगी हुई रम्दा मशीन भी मिली जिसका धड़ल्ले से उपयोग किया जा रहा था वही रम्दा मशीन चलाने का भी दस्तावेज संचालक के पास नहीं था। इस पर मिल संचालक के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 52 व काष्ठ चिरान अधिनियम 1984 की धारा 07, 08, 09, 10, 12 व 13 के तहत अपराध दर्ज कर सा मिल को सील कर दिया गया। इसके अलावा जब्त वनोपज की नामजोख कर आरा मिल मालिक के सुपुर्द किया गया है। रम्दा मशीन को जब्त कर टीम कार्यालय लेकर लौटी।


दूसरी टीम रतनपुर रेंजर के नेतृत्व में मस्तूरी किरारी स्थित अग्रहरि टिम्बर में दबिश दी। टीम में बिलासपुर वनमंडल उड़नदस्ता भी शामिल था। जब टीम वहां पहुंची तो संचालक हरप्रसाद अग्रहरि नहीं था। मुंशी गोलू यादव मौजूद था। उसे सर्च वारंट देकर जांच शुरू की गई। सबसे पहले उसे स्टाक पंजी व अभिलेख दिखाने के लिए कहा गया। लेकिन, वह कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सका। जांच के दौरान मिल परिसर से प्रतिबंधित प्रजाति आम व महुआ की गोल लकड़ी बरामद हुई। इसके साथ ही और भी खामियां मिलीं, जिस पर आरा मिल को सील कर दिया गया है।


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