रिपोर्ट - राजेश रात्रे
पब्लिक स्वर धमतरी -धमतरी जिले मे खरीफ सीजन का फसल पकने को है इसी दरम्यान किसान उन्हारी मे तिवरा,सरसों,मटर,जैसे विभिन्न प्रकार के फसल उतेरा के माध्यम से बोवाई करते है। कई बार उन्हारी की फसल उतेरने के बाद रवि सीज़न में धान की फसल बोने या नहर से सिंचाई पानी देने की घोषणा कर दिया जाता है।जिससे किसानों को उतेरा फसल का नुकसान हो जाता है।इस स्थिति से बचने के लिए किसान समय रहते ग्रीष्मकालीन फसल की घोषणा करने के लिए जिला प्रशासन की ओर ताक रहा है जिससे उन्हे नुकसान ना हो।
उल्लेखनीय है कि धमतरी जिला को धनहा धमतरी के रूप में जाना जाता है।यहां धान कि फसल प्रमुख फसल है।खरीफ सीजन के साथ ही रवि फसल में भी धान कि खेती बड़े पैमाने पर किया जाता है।खरीफ सीजन की फसल पकने को तैयार है।इसी दरम्यान किसान ग्रीष्मकालीन फसल उतेरा के रूप में दलहन फसल बोते है।तथा स्वयं के सिंचाई के साधन होने पर किसान धान की फसल लगते है।
जिस तरह से जिले में जल जागार उत्सव मनाया गया है।किसान असमंजस मे है,कि रवि के सीजन में धान की फसल लेने में कहीं प्रतिबंध तो नहीं लगा दिया जाएगा।जिसके कारण किसानों ने जिला प्रशासन एवं कृषि विभाग से जल्द ग्रीष्मकालीन फसल मे बोए जानेवाले फसलों की घोषणा करने की मांग किया है।जिससे स्पष्ट हो सके कि किसान ग्रीष्मकालीन फसल मे दलहन तिलहन की खेती करें या धान लागए।
वहीं इस संबंध में उपसंचालक कृषि मोंनेश साहू से जानकारी लेने के लिए पब्लिक स्वर की टीम ने उन्हें कई बार कॉल किया परन्तु उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की जिसके कारण कृषि उपसंचालक का अभिमत नहीं रखा जा सका है।